मन लागो मेरो यार फकीरी में
जो सुख पावो नाम भजन में, सो सुख नाही अमीरी में
भला बुरा सब को सुन लीजो, कर गुजरान गरीबी में;
प्रेम नगर में रहनी हमारी, भली बनी आई सबूरी में;
हाथ में कुण्डी, बगल में सोट्टा, चारों दिशा जागीरी में;
आखिर ये तन ख़ाक मिलेगा, कहा फिरत मगरूरी में
कहें कबीर सुनो भाई साधो, साहेब मिलें सबूरी में.
mann laago mero yaar fakiri mein
जो सुख पावो नाम भजन में, सो सुख नाही अमीरी में
भला बुरा सब को सुन लीजो, कर गुजरान गरीबी में;
प्रेम नगर में रहनी हमारी, भली बनी आई सबूरी में;
हाथ में कुण्डी, बगल में सोट्टा, चारों दिशा जागीरी में;
आखिर ये तन ख़ाक मिलेगा, कहा फिरत मगरूरी में
कहें कबीर सुनो भाई साधो, साहेब मिलें सबूरी में.
mann laago mero yaar fakiri mein
jo sukh paavo naam bhajan mein, so sukh naahi ameeri mein;
bhalaa buraa sab ko sun leejo, kar gujraan garibi mein;
prem nagar mein rahni hamaari, bhalli banni aayi saboori mein;
haath mein kundi, bagal mein sotaa, chaaron disha jagiri mein;
akhir yeh tann khaak milega, kahaa firat magroori mein;
kahein Kabir suno bhai Sadho, Saheb milae saboori mein.
( you will soon be able to hear this recorded song from my Kabir album here. still learning to change format to mp3)